
भारत में टैक्स प्लानिंग केवल अमीरों का खेल नहीं है। यदि आप नौकरीपेशा या फ्रीलांसर हैं, तो कुछ समझदारी भरे फैसलों से आप हर साल हज़ारों रुपये टैक्स में बचा सकते हैं। इस ब्लॉग में हम बात करेंगे पांच ऐसे स्मार्ट और कानूनी तरीके, जिनसे आप अपनी टैक्स देनदारी कम कर सकते हैं।
1️⃣ सेक्शन 80C के तहत निवेश करें
सेक्शन 80C भारत के सबसे लोकप्रिय टैक्स-सेविंग सेक्शन में से एक है। इसके तहत आप ₹1.5 लाख तक की टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं।
टैक्स बचाने वाले मुख्य विकल्प:
- Public Provident Fund (PPF): 15 साल का सुरक्षित निवेश, ब्याज टैक्स-फ्री
- ELSS म्यूचुअल फंड: Equity-based स्कीम, 3 साल की लॉक-इन, हाई रिटर्न पोटेंशियल
- NSC (National Savings Certificate): 5 साल की योजना, ब्याज टैक्सेबल
- LIC प्रीमियम: जीवन बीमा के प्रीमियम पर छूट
- 📊 टिप: यदि आप 30% टैक्स स्लैब में हैं, तो 1.5 लाख की पूरी छूट से ₹45,000 तक बचा सकते हैं।
2️⃣ हेल्थ इंश्योरेंस (Section 80D) लें
स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर भी टैक्स छूट मिलती है। अगर आपने अपने और परिवार के लिए हेल्थ पॉलिसी ली है, तो आप 80D के तहत टैक्स में राहत पा सकते हैं।
कवर किए गए व्यक्ति | अधिकतम छूट |
---|---|
स्वयं और परिवार | ₹25,000 |
वरिष्ठ नागरिक (60+) | ₹50,000 |
माता-पिता (60+) | ₹50,000 |
🔍 Example: अगर आपने अपने और बुजुर्ग माता-पिता के लिए बीमा लिया है, तो आप कुल ₹75,000 की छूट पा सकते हैं।
3️⃣ होम लोन पर ब्याज और मूलधन की छूट
अगर आपने होम लोन लिया है, तो आप दो तरह की छूट पा सकते हैं:
- धारा 24(b): ₹2 लाख तक ब्याज पर छूट
- धारा 80C: ₹1.5 लाख तक मूलधन (Principal) पर छूट
🏠 विशेष छूट: Affordable Housing के लिए ₹1.5 लाख अतिरिक्त छूट भी मिलती है सेक्शन 80EEA के तहत।
4️⃣ NPS (National Pension Scheme) में योगदान
NPS एक लॉन्ग टर्म रिटायरमेंट प्लान है। इसमें निवेश करके आप टैक्स के अलावा पेंशन का भी फायदा उठा सकते हैं।
- Section 80CCD(1B): ₹50,000 की अतिरिक्त छूट (80C के ऊपर)
- Market linked returns और कम खर्च वाली स्कीम
💡 हाई अर्निंग प्रोफेशनल्स के लिए यह एक स्मार्ट टैक्स सेविंग विकल्प है।
5️⃣ HRA (House Rent Allowance) का सही उपयोग
यदि आप किराये के घर में रहते हैं और आपकी सैलरी में HRA शामिल है, तो आप टैक्स से छूट प्राप्त कर सकते हैं।
छूट की गणना इन तीन में से कम राशि के आधार पर होती है:
- आपके द्वारा दिया गया वास्तविक किराया – बेसिक सैलरी का 10%
- बेसिक सैलरी का 50% (मेट्रो सिटी) या 40% (नॉन-मेट्रो)
- HRA की वास्तविक राशि
🔍 टिप: किराया देने का प्रमाण (Rent Agreement, Rent Receipt) ज़रूरी है।
🧠 निष्कर्ष: स्मार्ट प्लानिंग से मिलेगी राहत
इनकम टैक्स से बचना गैरकानूनी है, लेकिन टैक्स प्लानिंग करना पूरी तरह से वैध और ज़रूरी है। ऊपर बताए गए पांच स्मार्ट तरीकों से आप न केवल टैक्स में बचत करेंगे, बल्कि अपनी फाइनेंशियल हेल्थ भी सुधार पाएंगे।
📣 सुझाव:
- साल के अंत का इंतज़ार ना करें, टैक्स प्लानिंग की शुरुआत अप्रैल से ही करें।
- ज़रूरत पड़े तो एक फाइनेंशियल एडवाइज़र से सलाह लें।
- अपने सभी निवेशों और खर्चों का डिजिटल रिकॉर्ड रखें।